Thursday, September 15, 2016


मैं सत्य तुम्हे कह हूँ माँ! तब याद तुम्हारी आती है...



जब भ्रमर पुष्परस पीता है. और सुमन मंद मुस्काता है,
काँटों से फट जाने पर भी जब कुसुम नही मुरझाता है,
जब तप्त धरा पर बूँद कहीं मेघों से आ गिर जाती है,

काली घनघोर घटाओं से जब सूर्य किरण तर जाती है,
जब स्वेद बिंदु को मलय पवन चुपके से छू के जाती है,
मैं सत्य तुम्हे कहता हूँ माँ! तब याद तुम्हारी आती है,

जब अश्रु नीर से सिंचे हुए मुख पे हरियाली छा जाए,
जब अकस्मात् इस रात्रि भरे मन मे दीवाली आ जाए,
जब कष्ट भरे इस जीवन मे कुछ हर्ष कहीं से आता है,
जब स्वप्न सलोना हृदय उड़ा, बस दूर कहीं ले जाता है,

भटके से अंतर्मन को जब, इक राह नयी मिल जाती है,
मैं सत्य तुम्हे कहता हूँ माँ! तब याद तुम्हारी आती है,

जब बाल्यकाल की किलकारी स्वर्णित होती है कर्णो मे,
जब पुष्प कमल अर्पण होता है स्वतः प्रभु के चरणों मे,
जब भ्रमित युवा अंतर्मन को, इक लक्ष्य नया मिल जाता है,
जब विष से भरे हृदय मे भी, अमृत कोई घुल जाता है,

सब पाप कर्म बहते बहते, जब भगीरथी धो जाती है,
मैं सत्य तुम्हे कहता हूँ माँ! तब याद तुम्हारी आती है,

जब शीत ल़हर ठिठुराती हो और धूप कहीं से आ जाए,
जब स्वाती बूँद का जल आकर चातक की प्यास बुझा जाए,
जब रात्रि अमावस्या की हो, पर उज्ज्वल हो पथ तारों से,
हो मधुर स्वरों की लड़ी कोई गुंजित सरिता के धारों से,

जब धेनु स्वयं की जिह्वा से अपनों के घाव मिटाती है,
मैं सत्य तुम्हे कहता हूँ माँ! तब याद तुम्हारी आती है,

मुझ प्यासे का तुम निर्झर हो,तुम घने नीम की छाँव हो माँ,
इस ममता से परिपूर्ण व्योम का तुम विस्तृत फैलाव हो माँ,
सब पाप हमारे धोने को धरती पे आई गंग हो तुम,
मेरे कष्टों मे घावों मे हर इक पल मेरे संग हो तुम,

जब बिना किसी भी कारण के ये अश्रु लड़ी बह जाती है,
मैं सत्य तुम्हे कहता हूँ माँ! तब याद तुम्हारी आती है.....
क्या आपको मस्से की समस्या है ? जानिये हमेशा के लिये कैसे मस्से खत्म किये जाये 

लाखों लोग त्वचा की समस्याओं से ग्रसित रहते हैं। इनमे से कुछ समस्याएँ गंभीर होती हैं, और कुछ गौण समझी जाती हैं, और इन गौण समस्याओं में से एक समस्या होती है, मस्से।यह सिर्फ गौण ही नहीं बल्कि आम समस्याओं में गिनी जाती है। मस्से त्वचा पर एक उपज की तरह होते हैं, और सुसाध्य समझे जाते हैं, यानि कि वे कैंसरयुक्त नहीं होते। इसके बावजूद इनसे ग्रसित कई लोग इन्हें निकालने के लिए आतुर रहते हैं, क्योंकि उनके अनुसार मस्से त्वचा पर अच्छे नहीं दिखते।

यह बात आप शायद न जानते हों कि मस्से ‘ह्युमन पैपिल्लोमा वाइरस’ के कारण विकसित होते हैं।

मस्सों के लक्षण

त्वचा पर बेडौल और रुखी सतह का विकास होना, मस्सों के लक्षण होते हैं। मस्से अपने आप विकसित होकर अपने आप ही गायब हो जाते हैं, पर इनमे से कई मस्से अत्याधिक पीड़ादायक होते हैं। यह तेज़ी से फैलते हैं, और इनमे से कई मस्से बरसों तक बने रहते हैं जिनका इलाज कराना ज़रूरी होता है।
मस्सों के आयुर्वेदिक / घरेलू उपचार

बरगद के पेड़ के पत्तों का रस मस्सों के उपचार के लिए बहुत ही असरदार होता है। इस प्रयोग से त्वचा सौम्य हो जाती है और मस्से अपने आप गिर जाते हैं।
एक चम्मच कोथमीर के रस में एक चुटकी हल्दी डालकर सेवन करने से मस्सों से राहत मिलती है।
कच्चे आलू का एक स्लाइस नियमित रूप से दस मिनट तक मस्से पर लगाकर रखने से मस्सों से छुटकारा मिल जायेगा।
केले के छिलके को अंदर की तरफ से मस्से पर रखकर उसे एक पट्टी से बांध लें। और ऐसा दिन में दो बार करें और लगातार करते रहें जब तक कि मस्से ख़तम नहीं हो जाते।
अरंडी का तेल नियमित रूप से मस्सों पर लगायें। इससे मस्से नरम पड़ जायेंगे, और धीरे धीरे गायब हो जायेंगे। अरंडी के तेल के बदले कपूर के तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं।
लहसून के एक टुकड़े को पीस लें, लेकिन बहुत महीन नहीं, और इस पीसे हुए लहसून को मस्से पर रखकर पट्टी से बांध लें। इससे भी मस्सों के उपचार में सहायता मिलती है।
एक बूँद ताजे मौसमी का रस मस्से पर लगा दें, और इसे भी पट्टी से बांध लें। ऐसा दिन में लगभग 3 या 4 बार करें। ऐसा करने से मस्से गायब हो जायेंगे।
बंगला, मलबारी, कपूरी, या नागरबेल के पत्ते के डंठल का रस मस्से पर लगाने से मस्से झड़ जाते हैं। अगर तब भी न झड़ें, तो पान में खाने का चूना मिलाकर घिसें।
अम्लाकी को मस्सों पर तब तक मलते रहें जब तक मस्से उस रस को सोख न लें। या अम्लाकी के रस को मस्से पर मल कर पट्टी से बांध लें।
कसीसादी तेल मस्सों पर रखकर पट्टी से बांध लें।
मस्सों पर नियमित रूप से प्याज़ मलने से भी मस्से गायब हो जाते हैं।
पपीता के क्षीर को मस्सों पर लगाने से भी मस्सों के गायब होने में मदद मिलती है।
थूहर का दूध या कार्बोलिक एसिड सावधानीपूर्वक लगाने से मस्से निकल जाते हैं।
मस्सों पर अलो वेरा को दिन में तीन बार लगायें। ऐसा एक सप्ताह तक करते रहें, मस्से गायब हो जायेंगे।
विटामिन मे को मस्सों पर लगाने से भी लाभ मिलता है। दुगने लाभ के लिए आप उसपर कच्चा लहसून भी लगा सकते हैं।

दोनों को मस्सों पर लगाकर उसपर पट्टी बांधकर एक सप्ताह तक रहने दें। एक सप्ताह बाद पट्टी खोलने पर आप पाएंगे की मस्से गायब हो गए हैं।