Monday, September 30, 2019

एक सत्य से अवगत कराना चाहते है। लेख थोड़ा लम्बा है पर पढ़े जरूर ।🙏
*कभी आपने सोचा कि*.......
१. जिस सम्राट के नाम के साथ संसार भर के इतिहासकार “महान” शब्द लगाते हैं......

२. जिस सम्राट का राज चिन्ह अशोक चक्र भारत देश अपने झंडे में लगता है.....

३.जिस सम्राट का राज चिन्ह चारमुखी शेर को भारत देश
 राष्ट्रीय प्रतीक मानकर सरकार चलाती है......

४. जिस देश में सेना का सबसे बड़ा युद्ध
 सम्मान सम्राट अशोक के नाम पर अशोक चक्र दिया जाता है.....

५. जिस सम्राट से पहले या बाद में कभी कोई ऐसा राजा या सम्राट नहीं हुआ, जिसने अखंड भारत (आज का नेपाल, बांग्लादेश, पूरा भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान) जितने बड़े भूभाग पर एक छत्रीय राज किया हो......

६. जिस सम्राट के शासन काल

 को विश्व के बुद्धिजीवी और इतिहासकार

 भारतीय इतिहासका सबसे स्वर्णिम काल मानते हैं.....

७.जिस सम्राट के शासन काल में भारत विश्व गुरु था, सोने

 की चिड़िया था, जनता खुशहाल और भेदभाव रहित

 थी......

८. जिस सम्राट के शासन काल

 जी टी रोड जैसे कई हाईवे रोड बने, पूरे रोड पर

 पेड़ लगाये गए, सराये बनायीं गईं इंसान तो इंसान जानवरों के लिए

 भी प्रथम बार हॉस्पिटल खोले गए, जानवरों को मारना बंद कर

 दिया गया.....

ऐसे महन सम्राट अशोक कि जयंती उनके

 अपने देश भारत में

 क्यों नहीं मनायी जाती, न ही कोई

 छुट्टी घोषित कि गई है??

अफ़सोस जिन लोगों को ये

 जयंती मनानी चाहिए, वो लोग अपना इतिहास

 ही नहीं जानते और जो जानते हैं

 वो मानना नहीं चाहते ।

1. जो जीता वही चंद्रगुप्त ना होकर…

जो जीता वही सिकन्दर “कैसे” हो गया… ???

 (जबकि ये बात सभी जानते हैं कि…. सिकंदर

 की सेना ने चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रभाव को देखते

 हुये ही लड़ने से मना कर दिया था.. बहुत

 ही बुरी तरह मनोबल टूट गया था…. जिस

 कारण , सिकंदर ने मित्रता के तौर पर अपने

 सेनापति सेल्युकश कि बेटी की शादी चन्द्रगुप्त से की थी)

2. महाराणा प्रताप “”महान””” ना होकर………

अकबर “””महान””” कैसे हो गया…???

जबकि, अकबर अपने हरम में

 हजारों लड़कियों को रखैल के तौर पर

 रखता था…. यहाँ तक कि उसने

 अपनी बेटियो और बहनो की शादी तक पर

 प्रतिबँध लगा दिया था जबकि..

महाराणा प्रताप ने अकेले दम पर उस अकबर के

 लाखों की सेना को घुटनों पर

 ला दिया था)

3. सवाई जय सिंह को “””महान वास्तुप्रिय”””

राजा ना कहकर शाहजहाँ को यह

 उपाधि किस आधार मिली …… ???

जबकि… साक्ष्य बताते हैं कि…. जयपुर के

 हवा महल और कई किले ….

महाराजा जय सिंह ने ही बनवाया था)

4. जो स्थान महान मराठा क्षत्रिय वीर

 शिवाजी को मिलना चाहिये वो………. क्रूर

 और आतंकी औरंगजेब को क्यों और कैसे मिल

 गया ..????

5. स्वामी विवेकानंद और आचार्य चाणक्य

 की जगह… ….. गांधी को महात्मा बोलकर ….

हिंदुस्तान पर क्यों थोप दिया गया…??????

6. तेजोमहालय- ताजमहल……… ..लालकोट-

लाल किला……….. फतेहपुर सीकरी का देव

 महल- बुलन्द दरवाजा…….. एवं सुप्रसिद्ध

 गणितज्ञ वराह मिहिर की

 मिहिरावली(महरौली) स्थित वेधशाला-

कुतुबमीनार….. ……… क्यों और कैसे

 हो गया….?????

7. यहाँ तक कि….. राष्ट्रीय गान भी…..

संस्कृत के "वन्दे मातरम" की जगह

 गुलामी का प्रतीक” ”जन-गण-मन हो गया””

कैसे और क्यों हो गया….??????

8. और तो और…. हमारे अराध्य भगवान् राम..

कृष्ण तो इतिहास से कहाँ और कब गायब

 हो गये……… पता ही नहीं चला……….आखिर

 कैसे ????

9. यहाँ तक कि…. हमारे अराध्य भगवान राम

 की जन्मभूमि पावन अयोध्या …. भी कब और

 कैसे विवादित बना दी गयी… हमें पता तक

 नहीं चला….!

कहने का मतलब ये है कि….. हमारे दुश्मन सिर्फ….

बाबर , गजनवी , लंगड़ा तैमूरलंग…..ही नहीं हैं…… बल्कि आज के

 सफेदपोश सेक्यूलर भी हमारे उतने ही बड़े दुश्मन हैं…. जिन्होंने हम हिन्दुओं के अन्दर हीन

 भाबना का उदय कर सेकुलरता का बीज उत्पन्न किया। ----------------------------------------
धर्मो रक्षति रक्षित: के अर्थ को अब पहचानो तुम
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जब याद गोधरा आता है आँखों में आँसू आते हैं,

कश्मीरी पंडितों की पीड़ा कुछ हिंदू भूल क्यों जाते हैं।

 हर बार विधर्मी शैतानों ने धर्म पर हैं प्रहार किये,

हर बार सहिष्णू बन कर हमने जाने कितने कष्ट सहे। …

 … अब और नहीं चुप रहना है अब और नहीं कुछ सहना है,

जैसा आचरण करेगा जो, वो सूद समेत दे देना है।

 क्या भूल गये राजा प्रथ्वी ने गौरी को क्षमा-दान दीया,

और बदले में उसने राजा की आँखों को निकाल लीया।

 ये वंश वही है बाबर का जो राम का मंदिर गिरा गया,

और पावन सरयू धरती पर बाबरी के पाप को सजा गया।

 अकबर को जो कहते महान क्या उन्हें सत्य का ज्ञान नहीं,

या उनके हृदय में जौहर हुई माताओं के लिए सम्मान नहीं।

 औरंगज़ेब की क्रूरता भी क्या याद पुन: दिलवाऊँ मैं,

टूटे जनेऊ और मिटे तिलक के दर्शन पुन: कराऊँ मैंh

 तुम भाई कहो उनको लेकिन तुमको वो काफ़िर मानेंगे,

और जन्नत जाने की खातिर वो शीश तुम्हारा उतारेंगे।

 धर्मो रक्षति रक्षित: के अर्थ को अब पहचानो तुम,

धर्म बस एक ‘सनातन’ है, कोई मिथ्या-भ्रम मत पालो तुम।
जय माँ भारत
दादू दुनिया बावरी कबरे पूजे ऊत
जिनको कीड़े खा चुके उनसे मांगे पूत

कब्र मे मुर्दे को खाने वाले कीड़े भी कुछ सालो मे नष्ट हो जाते हैं। परन्तु  हिन्दू उनपर सिर रगड़ते हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक शहर है,बहराइच ।बहराइच में हिन्दू समाज का मुख्य पूजा स्थल है गाजी बाबा की मजार। मूर्ख हिंदू लाखों रूपये हर वर्ष इस पीर पर चढाते है। इतिहास का जानकार हर व्यक्ति जानता है,कि महमूद गजनवी के उत्तरी भारत को १७
बार लूटने व बर्बाद करने के कुछ समय बाद उसका भांजा सलार गाजी भारत को दारूल इस्लाम बनाने के उद्देश्य से भारत पर चढ़ आया । वह पंजाब ,सिंध, आज के उत्तर प्रदेश को रोंद्ता हुआ बहराइच तक जा पंहुचा। रास्ते में उसने लाखों हिन्दुओं का कत्लेआम कराया, लाखों हिंदू औरतों के बलात्कार हुए, हजारों मन्दिर तोड़ डाले।
राह में उसे एक भी ऐसा हिन्दू वीर नही मिला जो उसका मान मर्दन कर सके। इस्लाम की जेहाद की आंधी को रोक सके। परंतु बहराइच के राजा सुहेल देव पासी ने उसको थामने का बीडा उठाया । वे अपनी सेना के साथ सलार गाजी के हत्याकांड को रोकने के लिए जा पहुंचे। महाराजा व हिन्दू वीरों ने सलार गाजी व उसकी दानवी सेना को मूली गाजर की तरह काट डाला । सलार गाजी मारा गया। उसकी भागती सेना के एक एक हत्यारे को काट डाला गया। हिंदू ह्रदय राजा सुहेल देव पासी ने अपने धर्म का पालन करते हुए, सलार गाजी को इस्लाम के अनुसार कब्र में दफ़न करा दिया।

कुछ समय पश्चात् तुगलक वंश के आने पर फीरोज तुगलक ने सलारगाजी को इस्लाम का सच्चा संत सिपाही घोषित करते हुए उसकी मजार बनवा दी। आज उसी हिन्दुओं के हत्यारे, हिंदू औरतों के बलातकारी ,मूर्ती भंजन दानव को हिंदू समाज एक देवता की तरह पूजता है। सलार गाजी हिन्दुओं का गाजी बाबा हो गया है और हिंदू वीर शिरोमणि सुहेल देव पासी सिर्फ़ पासी समाज का हीरो बनकर रह गएँ है और सलार गाजी हिन्दुओं का भगवान बनकर हिन्दू समाज का पूजनीय हो गया है। अब गाजी की मजार पूजने वाले ,ऐसे हिन्दुओं को मूर्ख न कहे तो क्या कहें ।

ख्वाजा गरीब नवाज़, अमीर खुसरो, निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर
जाकर मन्नत मांगने वाले सनातन धर्मी (हिन्दू) लोगो के लिए विशेष :--

पूरे देश में स्थान स्थान पर बनी कब्रों,मजारों या दरगाहों पर हर वीरवार को जाकर शीश झुकाने व मन्नत करने वालों से कुछ प्रश्न  :-

 1.क्या एक कब्र जिसमे मुर्दे की लाश मिट्टी में बदल चुकी है वो किसी की मनोकामना पूरी कर सकती हैं?
2. ज्यादातर कब्र या मजार उन मुसलमानों की हैं जो हमारे पूर्वजो से लड़ते हुए मारे गए
थे, उनकी कब्रों पर जाकर मन्नत मांगना क्या उन वीर पूर्वजो का अपमान नहीं हैं जिन्होंने अपने प्राण धर्म की रक्षा करते हुए बलि वेदी पर समर्पित कर दियें थे?
3. क्या हिन्दुओ के राम, कृष्ण अथवा ३३ प्रकार देवी देवता शक्तिहीन हो चुकें हैं जो मुसलमानों की कब्रों पर सर पटकने के लिए जाना आवश्यक हैं?
4. जब गीता में श्री कृष्ण जी महाराज ने कहाँ हैं की कर्म करने से ही सफलता प्राप्त होती हैं तो मजारों में दुआ मांगने से क्या हासिल होगा?

"यान्ति देवव्रता देवान्
पितृन्यान्ति पितृव्रताः
भूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति
मद्याजिनोऽपिमाम्"

 श्री मद भगवत गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि भूत प्रेत, मुर्दा, पितृ (खुला या दफ़नाया हुआ अर्थात् कब्र,मजार अथवा समाधि) को सकामभाव से पूजने वाले स्वयं मरने के बाद भूत- प्रेत व पितृ की योनी में ही विचरण करते हैं व उसे ही प्राप्त करते हैं l
5. भला किसी मुस्लिम देश में वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप, हरी सिंह नलवा आदि वीरो की स्मृति में कोई स्मारक आदि बनाकर उन्हें पूजा जाता हैं तो भला हमारे ही देश पर आक्रमण करनेवालो की कब्र पर हम क्यों शीश झुकाते हैं?
6. क्या संसार में इससे बड़ी मूर्खता का प्रमाण आपको मिल सकता हैं?
7. हिन्दू कौनसी ऐसी अध्यात्मिक प्रगति मुसलमानों की कब्रों की पूजा कर प्राप्त
कर रहे  हैं जो वेदों- उपनिषदों मेंकहीं नहीं गयीं हैं?
8. कब्र, मजार पूजा को हिन्दू मुस्लिम सेकुलरता की निशानी बताना हिन्दुओ
को अँधेरे में रखना नहीं तो क्या हैं ?

आशा हैं इस लेख को पढ़ कर आपकी बुद्धि में कुछ प्रकाश हुआ होगा l अगर आप आर्य
राजा श्री राम और श्री कृष्ण जी महाराज की संतान हैं तो तत्काल इस मुर्खता पूर्ण अंधविश्वास को छोड़ दे और अन्य हिन्दुओ को भी इस बारे में बता कर उनका अंधविश्वास दूर करे| अपने धर्म को जानिए l इस अज्ञानता के चक्र में से बाहर
निकलिए l

नोट : पृथ्वी राज चौहान की समाधि पर कंधार अफगानिस्तान में जूतियां झाड़ी जाती थी ।
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