Thursday, January 16, 2014

बात जो दिल को छू गयी : आपके साथ शेयर कर रहा हुँ :: Praful Pandey

माँ मैं एक पार्टी में गया था.
तूने मुझे शराब नहीं पीने को कहा था, इसीलिए
बाकी लोग शराब पीकर मस्ती कर रहे थे

और मैं सोडा पीता रहा. लेकिन मुझे सचमुच अपने पर गर्व हो रहा था माँ,
जैसा तूने कहा था कि 'शराब पीकर गाड़ी नहीं चलाना'. मैंने वैसा ही किया.

घर लौटते वक्त मैंने शराब को छुआ तक नहीं,
भले ही बाकी दोस्तों ने मौजमस्ती के नाम पर जमकर पी. उन्होंने मुझे भी पीने के लिए बहुत उकसाया था.

पर मैं अच्छे से जानता था कि मुझे शराब नहीं पीनी है और मैंने सही किया था.
माँ, तुम हमेशा सही सीख देती हो. पार्टी अब लगभग खत्म होने को आयी है और सब लोग अपने-अपने घर लौटने की तैयारी कर रहे हैं.

माँ, अब जब मैं अपनी कार में बैठ रहा हूँ तो जानता हूँ कि केवल कुछ समय बाद मैं अपने घर अपनी प्यारी स्वीट माँ और पापा के पास रहूंगा.

तुम्हारे और पापा के इसी प्यार और संस्कारों ने मुझे जिम्मेदारी सिखायी और लोग कहते हैं कि मैं समझदार हो गया हूँ
माँ, मैं घर आ रहा हूँ और अभी रास्ते में हूँ. आज हमने बहुत मजा की और मैं बहुत खुश हूँ.

लेकिन ये क्या माँ...
शायद दूसरी कारवाले ने मुझे देखा नहीं और ये भयानक टक्कर....

माँ, मैं यहाँ रास्ते पर खून से लथपथ हूँ.
मुझे पुलिसवाले की आवाज सुनाई पड़ रही है
और वो कह रहा है कि इसने नहीं पी.

दूसरा गाड़ीवाला पीकर चला रहा था.
पर माँ, उसकी गलती की कीमत मैं क्यों चुकाऊं ?
माँ, मुझे नहीं लगता कि मैं और जी पाऊंगा.

माँ-पापा, इस आखिरी घड़ी में तुम लोग मेरे पास क्यों नहीं हो. माँ, बताओ ना ऐसा क्यों हो गया. कुछ ही पलों में मैं सबसे दूर हो जाऊँगा.

मेरे आसपास ये गीला-गीला और लाल-लाल क्या लग रहा है. ओह! ये तो खून है और वो भी सिर्फ मेरा.
मुझे डाक्टर की आवाज आ रही है जो कह रहे हैं कि मैं बच नहीं पाऊंगा.
तो क्या माँ, मैं सचमुच मर जाऊँगा. मेरा यकीन मानो माँ. मैं तेरी कसम खाकर कहता हूँ कि मैंने शराब नहीं पी थी.

मैं उस दूसरी गाड़ी चलानेवाले को जानता हूँ. वो भी उसी पार्टी में था और खूब पी रहा था.
माँ, ये लोग क्यों पीते हैं और लोगों की जिंदगी से खेलते हैं

उफ! कितना दर्द हो रहा है. मानो किसी ने चाकू चला दिया हो या सुइयाँ चुभो रहा हो.
जिसने मुझे टक्कर मारी वो तो अपने घर चला गया और मैं यहाँ अपनी आखिरी साँसें गिन रहा हूँ. तुम ही कहो माँ, क्या ये ठीक हुआ.
घर पर भैया से कहना, वो रोये नहीं. पापा से धीरज रखने को कहना. मुझे पता है, वो मुझे कितना चाहते हैं और मेरे जाने के बाद तो टूट ही जाएंगे. पापा हमेशा गाड़ी धीरे चलाने को कहते थे. पापा, मेरा विश्वास करो, मेरी कोई गलती नहीं थी. अब मुझसे बोला भी नहीं जा रहा. कितनी पीड़ा! साँस लेने में तकलीफ हो रही है.

माँ-पापा, आप मेरे पास क्यों नहीं हो. शायद मेरी आखिरी घड़ी आ गयी है. ये अंधेरा सा क्यों लग रहा है. बहुत डर लग रहा है. माँ-पापा प्लीज़ रोना नहीं. मै हमेशा आपकी यादों में, आपके दिल में आपके पास ही रहूंगा.

माँ, मैं जा रहा हूँ ।पर जाते-जाते ये सवाल ज़रूर पूछुंगा
कि ये लोग पीकर गाड़ी क्यों चलाते हैं. अगर उसने पी नहीं होतीं तो मैं आज जिंदा, अपने घर, अपने परिवार के साथ होता.

मित्रो, इसको ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाए ताकि किसी के शराब पीकर गाड़ी चलाने से किसी और के घर का चिराग ना बुझने पाये ।

Saturday, January 11, 2014

तू मुझसे लडेगा…होश में तो है ना?

किसी गाँव में एक दिन कुश्ती स्पर्धा का आयोजन किया गया । हर साल की तरह इस साल भी दूर -दूर से बड़े-बडें पहलवान आये । उन पहलवानो में ऐक पहलवान ऐसा भी था, जिसे हराना सब के बस की बात नहीं थी। जाने-माने पहलवान भी उसके सामने ज्यादा देर टिक नही पाते थे।

स्पर्धा शुरू होने से पहले मुखिया जी आये और बोले , ”
भाइयों , इस वर्ष के विजेता को हम 3 लाख रूपये इनाम में देंगे।

“ इनामी राशि बड़ी थी , पहलावन और भी जोश में भर गए और मुकाबले के लिए तैयार हो गए।

कुश्ती स्पर्धा आरंभ हुई और वही पहलवान
सभी को बारी-बारी से चित्त करता रहा । जब हट्टे- कट्टे पहलवान भी उसके सामने टिक ना पाये तो उसका आत्म-विश्वास और भी बढ़ गया और उसने वहाँ मौजूद दर्शकों को भी चुनौती दे डाली –
” है कोई माई का लाल जो मेरे सामें खड़े होने
की भी हिम्मत करे !! … “

वही खड़ा एक दुबला पतला व्यक्ति यह कुश्ती देख रहा था, पहलवान की चुनौती सुन उसने मैदान में उतरने का निर्णय लिया,और पहलावन के सामें जा कर खड़ा हो गया।

यह देख वह पहलवान उस पर हँसने लग गया और उसके पास जाकर कहाँ, तू मुझसे लडेगा…होश में तो है ना?

तब उस दुबले पतले व्यक्ति ने चतुराई से काम लिया और उस पहलवान के कान मे कहाँ, “अरे पहलवानजी मैं कहाँ आपके सामने टिक पाऊगां,आप ये कुश्ती हार जाओ मैं आपको ईनाम के सारे पैसे तो दूँगा ही और साथ में 3लाख रुपये और दूँगा,आप कल मेरे घर आकर ले जाना। आपका क्या है , सब जानते हैं कि आप कितने महान हैं , एक बार हारने से आपकी ख्याति कम थोड़े ही हो जायेगी…”

कुश्ती शुरू होती है ,पहलवान कुछ देर लड़ने का नाटक करता है और फिर हार जाता है। यह देख सभी लोग उसकी खिल्ली उड़ाने लगते हैं और उसे घोर निंदा से गुजरना पड़ता है।

अगले दिन वह पहलवान शर्त के पैसे लेने उस दुबले व्यक्ति के घर जाता है,और 6लाख रुपये माँगता है. तब वह दुबला व्यक्ति बोलता है , ” भाई किस बात के पैसे? “ “अरे वही जो तुमने मैदान में मुझसे देने का वादा किया था। “, पहलवान आश्चर्य से देखते हुए कहता है।
दुबला व्यक्ति हँसते हुए बोला “वह तो मैदान की बात थी,जहाँ तुम अपने दाँव-पेंच लगा रहे थे और मैंने अपना…
पर इस बार मेरे दांव-पेंच तुम पर भारी पड़े और मैं जीत गया।

मित्रों , ये कहानी हमें सीख देती है कि थोड़े से
पैसों के लालच में वर्षों के कड़े प्ररिश्रम से कमाई
प्रतिष्ठा भी कुछ ही पलों में मिटटी मे मिल जातीं है और धन से भी हाथ धोना पड़ता है। अतः हमें
कभी अपने नैतिक मूल्यों से समझौता नहीं करना चाहिए और किसी भी तरह कि लालच और भ्रष्टाचार से बच कर रहना चाहिए।

Friday, January 10, 2014

सावधान जरूर पढ़ें - दिल के दौरे से कैसे बचा जाये

जरा सोचिये की शाम के 7:25 बजे है और आप घर जा रहे है वो भी एकदम अकेले। ऐसे में अचानक से आपके सीने में तेज दर्द होता है जो आपके हाथों से होता हुआ आपके जबड़ो तक पहुँच जाता है। आप अपने घर से सबसे नजदीक अस्पताल से 5 मील दूर है और दुर्भाग्यवश आपको ये नहीं समझ आरहा की आप वहां तक पहुँच पाएंगे की नहीं। आप सीपीआर में प्रशिक्षित है मगर वहां भी आपको ये नहीं सिखाया गया की इसको खुद पर प्रयोग कैसे करे। ऐसे में दिल के दौरे से बचने के लिए ये उपाय आजमाए :-
चूँकि ज्यादातर लोग दिल के दौरे के वक्त अकेले होते है बिना किसी की मदद के उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है । वे बेहोश होने लगते ह और उनके पास सिर्फ 10 सेकण्ड्स होते है । ऐसे हालत में पीड़ित जोर जोर से खांस कर खुद को सामान्य रख सकता है। एक जोर की सांस लेनी चाहिए हर खांसी से पहले और खांसी इतनी तेज हो की छाती से थूक कले। जब तक मदद न आये ये प्रक्रिया दो सेकंड से दोहराई जाए ताकि धड्कण सामान्य हो जाए । जोर की साँसे फेफड़ो में ऑक्सीजन पैदा करती है और जोर की खांसी की वजह से दिल सिकुड़ता है जिस से रक्त सञ्चालन नियमित रूप से चलता है ।।।।।

जहाँ तक ही सके इस सन्देश को हरेक तक पहुंचाए । एक ह्रदय के डॉक्टर ने तो यहाँ तक कहाँ की अगर हर व्यक्ति यह सन्देश 10 लोगो को भेजे तो एक जान बचायी जा सकती है।

आप सबसे निवेदन है की चुटकले भेजने की बजाय यह सन्देश सबको भेजे ताकि लोगो की जान बच सके ।

अगर आपको यह सन्देश बार बार मिले तो परेशान होने की बजाय आपको खुश होना चाहिए की आपको यह बताने वाले बहुत जन है की दिल के दौरे से कैसे बचा जाये।

पोर्न वेबसाईट का ज़हर और हमारा समाज

पोर्न वेबसाईट का ज़हर अब हमारे समाज के युवाओं को अब खोखला करता जा रहा है|
औरतों के खिलाफ जो भी अपराध हो रहे हैं उनकी बहुत हद तक ज़िम्मेदार इन्टरनेट पे आसानी के साथ मौजूद पोर्न साईट हैं |

आज इन्टरनेट पे एक आंकड़े के अनुसार २० करोड़ से अधिक पोर्न विडियो इन्टरनेट में पड़े हुए हैं जिन्हें कोई भी डाउनलोड कर के देख सकता है | इन पोर्न विडियो में औरतों के साथ क्रूर, हिंसक व्यवहार , बलात्कार ,कौटुम्बिक व्यभिचार ,बच्चों के साथ यौन सम्बन्ध इत्यादि दिखाए जाते हैं | क्या आप को नहीं लगता की अपरिपक्व बच्चों के मष्तिष्क पे इन सबका बुरा असर पड़ता है और संभव हो की इसके नतीजे में बलात्कार और औरतों के साथ हिंसा जैसे अपराधों में वृधि हो रही हो ?

आश्चर्य की बात यह है की ऐसे बहुत से लोग हैं जो पोर्न देखने को सही मानते हैं और उनके अनुसार इसका युवाओं पे कोई गकत असर नहीं पड़ता | मुझे तो लगता है की आज का युवा इन्ही पोर्न वेबसाईट के कारन मानसिक रूप से बीमार होता जा रहा है और इस पे रोक लगनी चाहिए|

क्या आपको भी लगता है की कोर्ट को पोर्न साईट के देखने और पोर्न विडियो के आदान प्रदान करने के खिलाफ सख्त कानून लगा चाहिए ?

Sunday, January 5, 2014

सब्जियाँ कर रही बातें : ड़ॉ राजीव श्रीवास्तव, मैड़ीकल कॉलेज, हलद्वानी, नैनीताल

एक बार सब्जी मण्ड़ी में देखा कमाल,
सब्जियाँ कर रहीं थी बातें बाहों में बाहें ड़ाल।
आलु बोला टमाटर से, अरे—नहीं तेरी कोई मिसाल,
चिकनी, सुन्दर त्वचा तुम्हारी रंग भी है लाल-लाल।
टमाटर ने नाक सिकोड़ी, बोली, ओ मिट्टी के लाल,
पहले जा के देख आईना फिर मुझपे ड़ोरे ड़ाल।
आलु ने चुटकी ली बोला क्या है अदा तुम्हारी,
हर सब्जी का स्वाद बढ़ाती आज मेरी है बारी।
कोई मनचला हम दोनों को ले अपने घर को जायेगा,
मुझको धोकर तुमसे मिला कर सब्जी कोई बनायेगा।
एक बर्तन में तुम्हारे संग खूब करुंगा रोमांस,
यहां उछल कर, वहां कूद कर करेंगे फिल्मी ड़ांस।
बगल में बैठा करेला खुजली कर, हो रहा था तंग,
भिंड़ी बोली अरे करेले ये कैसी है जंग।
बोला करेला, अरे बहना मेरा तो कब का जनाज़ा उठा,
मुझे सुखाकर दवा मिलाई इसलिए दिखता हूं ताजा।
मुझ पर जो कुछ बीती मैं तो झेल जाउंगा,
पर क्या बीतेगी सेहत पर जिसकी थाली में आउंगा।
नैनुआ कर रहा कानाफूसी देख-देख कर लौकी,
हम जहां के तहां रह गये पर इसकी किस्मत चमकी।
जब से बाबा रामदेव बने हैं इसके ब्रांड़ एमबैस्ड़र,
इसके सामने खड़े होने से भी हमें लगे है ड़र।
जब भी कोई बुजुर्ग आदमी हमारी तरफ है आता,
हाथ बढ़ा कर इसे उठाता , पोते सा इसे खिलाता,
इसकी कीमत कुछ भी बोलो झट से नोट थमाता,
हमें लेकर अहसान जताता पैसे भी कम कराता
प्याज़ रो रहा फफक-फफक कर अपनी छाती पीट,
कहा—कुछ रिश्वत खोरो ने मुझे किया है चीट।
मुझे निकाला ड़िब्बों में ड़ाला बाहर किया एक्सपोर्ट,
अपने घर के लोग तरसते पर ये कमाएं नोट।
यहीं नहीं खत्म होता मुझ पर अत्याचार,
मुझे लेकर करें राजनीति, बदल देते सरकार।
वो दिन दूर नहीं जब मैं पूरी तरह मिट जाउंगा,
मेरा पुतला लगेगा नुक्कड़ पे मैं शहीद कहलाउंगा।
बैंगन बोला एक समय था जब हर कोई यहां था आता,
चंद नोट दे थैला भरता खुशी-खुशी घर जाता।
आज महंगाई का ड़ंड़ा, ऐसा हवा में है लहराया,
आम आदमी सब्जी भूला मन उसका घबराया।
सब्जियोँ का दाम जानकर उसका निकले पसीना,
चार की जगह दो सब्जियोँ में उसने सीखा जीना।
एक समय था लोगों को मेरे नाम से थी एलर्जी,
मुझे भी लेकर बड़ी शान से अपने घर को जाते,
बड़े चाव से मुझे बनाते फिर मिल-बांट कर खाते,
हरे रंग की टोकरी में नारंगी हो रही थी खुश,
मन-ही-मन मुस्काती सबको देती स्वीट लुक।
सेब बोला, अरे अनार इसका क्यो भागे है मीटर,
लगता है इसपे भी छ गया है कोई ‘फील गुड़ फैक्टर’।
नहीं पता इसे शायद कि कभी ऐसा हो जायेगा,
’गुड़’ निकल कर दूर भागे, केवल फील रह जायेगा,
फील-फील करता ये घूमे यहां-वहां चिल्लायेगा,
गुड़ की तलाश में फिर खेल नया दिखलायेगा।
सब्जियोँ की बातें सुन, मैं तो रह गया दंग,
हम ही नहीं लड़ते इक दूजे से, इनमें भी छिड़ी है जंग।
ये कैसा समय आ गया, सोचे है ‘राजीव’,
आपस की लड़ाई में पिसता जा रहा हर जीव।

Saturday, January 4, 2014

ज़िन्दगी ये किस मोड पे ले आयी है

ज़िन्दगी ये किस मोड पे ले आयी है
ना माँ, बाप, बहन, ना यहां कोई भाई है
हर लडकी का है Boy Friend, हर लडके ने Girl Friend पायी है,
चंद दिनों के हैं ये रिश्ते, फिर वही रुसवायी है

घर जाना Home Sickness कहलाता है,
पर Girl Friend से मिलने को टाईम रो मिल जाता है
दो दिन से हीं पूछा माँ की तबीयत का हाल,
Girl Friend से पल-पल की खबर पायी है,
ज़िन्दगी ये किस मोड पे ले आयी है…..

कभी खुली हवा मे घूमते थे,
अब AC की आदत लगायी है
धुप हमसे सहन नही होती,
हर कोई देता यही दुहाई है

मेहनत के काम हम करते हीं,
इसीलिये Gym जाने की नौबत आयी है
McDonalds, PizaaHut जाने लगे,
दाल-रोटी तो मुश्कि से खायी है
ज़िन्दगी ये किस मोड पे ले आयी है…..

Work Relation हमने ढ़ाये,
पर दोस्तों की संख्या घटायी है
Professional ने की है तरक्की,
Social ने मुंह की खायी है
ज़िन्दगी ये किस मोड पे ले आयी है

280 लाख करोड़ का सवाल है ... लेखक : अश्विनी कुमार

दर्द होता रहा छटपटाते रहे, आईने॒ से सदा चोट खाते रहे,
वो वतन बेचकर मुस्कराते रहे, हम वतन के लिए  सर कटाते रहे”

“भारतीय गरीब है लेकिन भारत देश कभी गरीब नहीं रहा" ये कहना है स्विस बैंक के डॉयरेक्टर का। स्विस बैंक के डॉयरेक्टर ने यह भी कहा है कि भारत का लगभग 280 लाख करोड़ रुपये उनके स्विस बैंक में जमा है। ये रकम इतनी है कि भारत का आने वाले 30 सालों का बजट बिना टैक्स के बनाया जा सकता है या यूँ कहें कि 60 करोड़ रोजगार के अवसर दिए जा सकते है. या यूँ भी कह सकते है कि भारत के किसी भी गाँव से दिल्ली तक 4 लेन रोड़ बनाये जा सकते हैं। ऐसा भी कह सकते हैं कि 500 से ज्यादा सामाजिक प्रोजेक्ट पूर्ण किये जा सकते हैं। ये रकम इतनी ज्यादा है कि अगर हर भारतीय को 2000 रुपये हर महीने भी दिए जायें तो 60 साल तक ख़त्म ना हों, यानी भारत को किसी वर्ल्ड बैंक से लोन लेने की कोई जरुरत नहीं है। जरा सोचिये ... हमारे भ्रष्ट राजनेताओं और नोकरशाहों ने कैसे देश को लूटा है और ये लूट का सिलसिला अभी 2011 तक जारी है।
इस सिलसिले को अब रोकना बहुत ज्यादा जरूरी हो गया है। अंग्रेजों ने हमारे भारत पर करीब 200 सालों तक राज करके करीब 1 लाख करोड़ रुपये लूटा। मगर आजादी के केवल 64 सालों में हमारे भ्रष्टाचार ने 280 लाख करोड़ लूटा है। एक तरफ 200 साल में 1 लाख करोड़ है और दूसरी तरफ केवल 64 सालों में 280 लाख करोड़ है। यानि हर साल लगभग 4.37 लाख करोड़, या हर महीने करीब 36 हजार करोड़ भारतीय मुद्रा स्विस बैंक में इन भ्रष्ट लोगों द्वारा जमा करवाई गई है। भारत को किसी वर्ल्ड बैंक के लोन की कोई दरकार नहीं है। सोचो कि कितना पैसा हमारे भ्रष्ट राजनेताओं और उच्च अधिकारीयों ने ब्लॉक करके रखा हुआ है। हमे भ्रष्ट राजनेताओं और भ्रष्ट अधिकारीयों के खिलाफ जाने का पूर्ण अधिकार है। हाल ही में हुए घोटालों का आप सभी को पता ही है - CWG घोटाला, २ जी स्पेक्ट्रम घोटाला, आदर्श हॉउसिंग घोटाला ... और ना जाने कौन-कौन से घोटाले अभी उजागर होने वाले है ........
समाज को नुकसान उनसे नहीं जो देश को लूट रहे है........नुकसान तो आपसे है ...जो इतना देख कर...सुन कर ....भी  घर में सोफे पर  बैठ कर टीवी के समाचारों से, देश को लुटता देख, दो आंसू बहा कर, देश भक्ति का ढोंग कर रहे है। आओ अब तो एक हो जाओ।      

प्यार रिश्तों से करना चाहिए चीजों से नहीं....

एक बच्चा नयी कार पर पेन से स्क्रेच कर रहा था,
ये देखते ही उसके पापा ने उसके गाल पर जोरदार थप्पड़ मार दिया
बच्चा कमजोर था थप्पड़ की मार से ही बेहोश हो गया,
और अस्पताल में उसकी मौत हो गयी
पिता को अपनी गलती पर पछतावा हो रहा था,
अचानक उनकी नजर कार के उस स्क्रेच पर पड़ी
गौर से देखा तो कार पर अंग्रेजी में लिखा था -I love u papa.
(प्यार रिश्तों से करना चाहिए चीजों से नहीं,क्योकि चीज़े आती रहती है-जाती रहती है)

चिकनी त्‍वचा : स्‍वस्‍थ शरीर

त्‍वचा का चिकना व मुलायम होना स्वस्थ शरीर की निशानी है त्‍वचा का रंग, रूप, आक़ति को देखकर आसानी से पता लगाया जा सकता है की आप कितने मानसिक व शारीरिक स्‍तर पर स्‍वस्‍थ है। हमारी सम्‍पूर्ण त्‍वचा रोम छिद्रों द्वारा निर्मित होती है । त्‍वचा प्रतिपल इन छिद्रों के माध्‍यम से वाहरी वातावरण के सम्‍पर्क में रहती है व ऑक्‍सीजन, विटामिन आदि की पूर्ति करती रहती है। शरीर को कईं प्रकार के रसायनिक तत्‍वों की पूर्ति त्‍वचा द्वारा ही होती है। जिनमें प्रमुख हैं।

* विटामिन डी

* सूर्य द्वारा ऑक्‍सीजन

* हवा द्वारा मेग्‍नेशियम मेग्‍नीज

* धूल कणों द्वारा लोहा, जिंक, ब्रोमिन

* मिटटी द्वारा 12 तरह के रसायनिक तत्‍व

* जल द्वार स्‍त्री व पुरूषों की त्‍वचा में अन्‍तर होता है और इस अन्‍तर का कारण हार्मोनों के स्‍त्राव में परिवर्तन होता है हार्मोनों द्वारा मेलोनिन का स्‍त्राव त्‍वचा को चिकना, सुन्‍दर व मुलायम बनाने के लिए जिम्‍मेदार होता है त्‍वचा को निम्‍न उपायों द्वारा चिकना व सुन्‍दर बनाया जा सकता है ।

* त्‍वचा के लिए ऑलिव ऑयल सबसे फायदेमंद तेल है मालिश करने पर यह तेल सीधे आतंरिक त्‍वचा में जाकर वहा पर उपस्थित तेल ग्रन्थियों के स्‍त्राव को बढाता है फलस्‍वरूप त्‍वचा धीरे-धीरे मुलायम व स्‍वस्‍थ होने लगती है।

* कच्‍चे सलाद के उपर हल्‍का ऑलिव ऑयल डालकर मक्‍खन की तरह इस्‍तेमाल करने पर यह सीधे पेट में जाकर वहॉ कि पी.एच. वैल्‍यू को संतुलित करता है और त्‍वचा को स्‍वस्‍थ बनाता है। जब तेल को आग पर पकाया जाता है तो उसमें उपस्थित विटामिन ई नष्‍ट हो जाता है विटामिन ई त्‍वचा में कसाव पैदा करता है।

* त्‍वचा में कसाव पैदा करने के लिए सोन्‍दर्य प्रसाधनों का उपयोग त्‍वचा को नुकसान पहुचाता है। सम्‍पूर्ण शरीर पर आलिव ऑयल, गंधक नीम, चन्‍दन व नमक से तैयार की गई मिटटी का लेप त्‍वचा की ऑक्‍सीजन दर बढाकर त्‍वचा में कसाव पैदा करता है। त्‍वचा पर मिटटी का लेप सबसे स्‍वस्‍थ व सुन्‍दर उपाय है।

* हमेशा ताजा व ठन्‍डे जल से नहाने पर शरीर को 12 प्रकार के रसायनिक तत्‍व प्राप्‍त होते है पानी में उपस्थित हानिकारक रसायनिक तत्‍वों को त्‍वचा स्‍वयं बाहर कर देती है या वफरिंग सिस्‍टम द्वारा शरीर उन्‍हें पसीने के द्वारा बाहर निकाल देता है स्‍नान से पहले घर्षण स्‍नान त्‍वचा के रोम छिद्रों को खोलकर उन्‍हें सशक्‍त व मजबूत बनाता है ताकि स्‍नान करने पर त्‍वचा द्वारा पानी अधिक मात्रा में अंदर जा सके । स्‍नान के बाद तोलिये से शरीर को पोछना नहीं चाहिए शरीर का पानी यू ही सुखने दें ताकि त्‍वचा पानी के साथ-साथ ऑक्‍सीजन भी ले सकें।

* आयरन युक्‍त आहार खून में लोह तत्‍व की मात्रा बढाकर त्‍वचा को कोमल बनाता है अत: आहार में फल व कच्‍ची सब्‍जी सबसे फायदे मंद है जैसे - चुकन्‍दर, गाजर, लीची, शहद, खीरा, टमाटर, पपीता, अन्‍नानास, लौकी आदि।

सौन्दर्य नींबु से

नींबू हमारे सौन्दर्य के लिए काफी फायदेमन्द है। नींबू का प्रयोग किसी न किसी रूप में क्रीम, शम्पू आदि में प्रयोग किया जाता है। दिन की शुरुआत नींबु पानी से करना उचित होता है। ये ना केवल हमारी त्वचा में चमक लाता है बल्कि आँखों में भी चमक लाता है। नींबू हमारे मसूढों को स्वस्थ रखता है। नींबू पानी हमारे खून के दौरे को नियंत्रित करता है।

* सर्दियों में गाजर के रस में नींबू का रस और चीनी मिला कर पीने से चेहरे के मुहांसों में भी फायदा मिलता है।

* एक चम्मच मलाई में कुछ बूंदें नींबू की निचोड़ कर हररोज मुंह पर लगाने से चेहरे का रंग साफ होगा तथा मुहांसे समाप्त होंगे। ये सूखे हुए मुहांसों पर लगना चाहिए।

* नींबू का रस नाखूनों पर मलने से नाखून मजबूत और सुन्दर होते है।

* कोहनी. एड़ी, टखनों पर नींबू मलने से साफ और सुन्दर होते है।

* तेल में नींबू का रस मिला कर सिर की त्वचा पर लगाने से सिकरी समाप्त होती है।

* नींबू के छिल्कों को सुखा कर बारीक पीस कर रख लें। यह मंजन दांतों को साफ करने के साथ-साथ मुंह की बदबू को भी दूर करता है।

* एक चुटकी सूखे नींबू के छिल्कों का पॉउड़र कपड़े धोते समय सर्फ के साथ ड़ालने से कपड़े निखर उठते हैं।